Sunday 7 April 2013

कुछ दिन पहले

कुछ दिन पहले
देखा था,
मैंने तुम्हें,
तुम्हारी पूरी
शानो-शौकत के साथ

सच में सनम,
दिल को करार,
नज़रों को सुकून
मिला

उन लम्हें को
नज़रों में
हमेशा के लिए
कैद करते हुए
दिल ने कहा,
रुक भी जाओ,
कहीं नहीं जाओ ..
मेरी ज़िन्दगी है, यहाँ
यही है, मेरी ज़िन्दगी !
-आराधना सिंह

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