My Love

Thursday, 28 January 2016

Habib Jalib Poetry

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Habib Jalib (23 March1928-13 March 1993) Apano ne wo dard diye, begaane yaad aate hai Dekh ke is basti ki haalat veerane yaad aate...
Tuesday, 9 April 2013

वो बहकती रातें

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आज किसी ने तुम्हारा ज़िक्र छेड़ा और याद आ गई मोहब्बत की बातें वो नज़र के सलाम, वो निगाहों से बातें, वो महकते दिन, वो बहकती रातें दिल...
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Sunday, 7 April 2013

देखा जब भी

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देखा जब भी गुजरे हुए सालो की तरफ याद आया मोहब्बतों का वो ज़माना जब दिल की तेज़ होती धडकनों को छिपाते थे सुबहो-शाम तुम्हारा ही इंतज़ार...

क्या ज़माने थे

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वो भी क्या ज़माने थे जब हम तुम्हें ख़त लिखा करते थे एक-एक लफ्ज़ लिखने से पहले सौ-सौ बार सोचा करते थे ख़त में तुम्हें दिल का हर वाक...

मेरे कदम

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मेरे कदम आज भी भटकते हुए तुम्हारें दर की तरफ क्यूँ जाते है ? जैसे कि तुम बुलाते हो मुझे, मेरे कानों में सदा, ये ही सदा क्यूँ गूंजत...

कुछ दिन पहले

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कुछ दिन पहले देखा था, मैंने तुम्हें, तुम्हारी पूरी शानो-शौकत के साथ सच में सनम, दिल को करार, नज़रों को सुकून मिला उन लम्हें को न...
Friday, 5 April 2013

मोहब्बतों का वो ज़माना

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देखा जब भी गुजरे हुए सालो की तरफ याद आया मोहब्बतों का वो ज़माना जब दिल की तेज़ होती धडकनों को छिपाते थे सुबहो-शाम तुम्हारा ही इंतज़ार...
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