Saturday, 24 November 2012

Fani Badayuni, फ़ानी बदायूनी

Fani Badayuni
1879-1941
1.
कारवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र देखा किये

करवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र देखा किये
हर क़दम पर नक़्श-ए-पा-ए- राहबरदेखा किये

यास जब छाई उम्मीदें हाथ मल कर रह गईं
दिल की नब्ज़ें छुट गयीं और चारागर देखा किये

रुख़ मेरी जानिबनिगाह-ए-लुत्फ़ दुश्मन की तरफ़
यूँ उधर देखा किये गोया इधर देखा किये

दर्द-मंदाने-वफ़ा की हाये रे मजबूरियाँ
दर्दे-दिल देखा न जाता था मगर देखा किये

तू कहाँ थी ऐ अज़ल ! ऐ नामुरादों की मुराद !
मरने वाले राह तेरी उम्र भर देखा किये

शब्दार्थ:
रहगुज़र= पथ
नक़्श-ए-पा-ए- राहबर=नेतृत्व करने वाले के पद-चिह्न
चारागर=उपचारक
रुख़=चेहरा
जानिब=ओर्
निगाह-ए-लुत्फ़=आनंद-दायक दृष्टि
गोया=जैसे कि
अज़ल=मृत्यु
 

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