My Love
Thursday, 28 March 2013
जिस पल
जिस पल
तुम
नज़र के
रास्तों से
सीधे
दिल में उतरे
वक़्त को तो
वहीँ
ठहर जाना
चाहिए था
और
सूरज,
सुबह की बयार,
गीत सुनाते पंछियों को
यानि कि
इस
सारे जहां को,
पूरी कायनात को
हमारी
इस दास्ताँ से
रूबरु होना चाहिए था
-आराधना सिंह
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