हम ने
मिलन के वक़्त
जो कुछ सोचा
देह से जुदा सोचा
इसलिए
हम कभी
एक-दूसरे से
जुदा नहीं हो सके
चाहतों में
हमारा
लहज़ा
कभी तल्ख़
नहीं हुआ
आत्मिक
मिलन की
इस यात्रा में ..
बना रहा
सदैव एक-दूसरे
का साथ
और हमने
निभा दी
ईश्वर की
बनायी हुई
प्रेम की सभी रस्में
-आराधना सिंह
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