Saturday, 30 March 2013

मिलन के वक़्त

हम ने
मिलन के वक़्त
जो कुछ सोचा
देह से जुदा सोचा

इसलिए
हम कभी
एक-दूसरे से
जुदा नहीं हो सके

चाहतों में
हमारा
लहज़ा
कभी तल्ख़
नहीं हुआ

आत्मिक
मिलन की
इस यात्रा में ..
बना रहा
सदैव एक-दूसरे
का साथ

और हमने
निभा दी
ईश्वर की
बनायी हुई
प्रेम की सभी रस्में
-आराधना सिंह

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