बिछड़ते हुए
ग़मगीन पलों में
उसने अपनी
उदास आँखों से
विदा लेते हुए
ये कहा था कि
कभी, जब
तुम्हें मेरी
बहुत याद आए
और
दिल बोझिल सा
हो जाए
तो थोड़ा
रो भी लेना
कुछ छिपा-जमा दर्द
आँसुओं के साथ
बह जाएगा,
जी हल्का हो जाएगा,
तुम्हें थोड़ा
सुकून मिल जाएगा
उसे इस तरह
देख कर ......
मुझसे
न पूछा जा सका
कि जब तुमको
मेरी याद आएगी
तब तुम क्या करोगे?
-आराधना सिंह
ग़मगीन पलों में
उसने अपनी
उदास आँखों से
विदा लेते हुए
ये कहा था कि
कभी, जब
तुम्हें मेरी
बहुत याद आए
और
दिल बोझिल सा
हो जाए
तो थोड़ा
रो भी लेना
कुछ छिपा-जमा दर्द
आँसुओं के साथ
बह जाएगा,
जी हल्का हो जाएगा,
तुम्हें थोड़ा
सुकून मिल जाएगा
उसे इस तरह
देख कर ......
मुझसे
न पूछा जा सका
कि जब तुमको
मेरी याद आएगी
तब तुम क्या करोगे?
-आराधना सिंह
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